हाई कोर्ट ने एक महिला जज के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 4 सप्ताह के अंदर बकाया वेतन देने का आदेश दिया

जबलपुर
 हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने महिला न्यायाधीश को बकाया वेतन की 50 प्रतिशत राशि का भुगतान किये जाने के आदेश जारी किये हैं. युगलपीठ ने इसके अलावा वरिष्ठता सूची को संशोधित करते हुए याचिकाकर्ता महिला जज को सभी उचित लाभ दिए जाने के निर्देश भी जारी किए.

सिविल जज 2007 में घोषित रिजल्ट पर विवाद

मामले के अनुसार वर्तमान में नीमच में पदस्थ महिला न्यायाधीश ने साल 2013 में हाई कोर्ट जबलपुर में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया "सिविल जज 2007 में घोषित रिजल्ट की प्रतीक्षा सूची में वह पहले स्थान में थी. वह अनुसूचित जाति वर्ग की उम्मीदवार थी. अनुसूचित जाति वर्ग के दो अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों को चयन किया गया. इस कारण पात्र होने के बावजूद उसका चयन नहीं हुआ." इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. हाई कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया.

हाई कोर्ट के आदेश पर महिला की नियुक्ति

हाई कोर्ट के आदेश पर महिला को साल 2009 में नियुक्ति प्रदान की गयी. नियुक्ति प्रदान करने के बाद उन्हें वरिष्ठता व वेतन का लाभ नहीं मिला. युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए आदेश में कहा "यह निर्विवाद है कि रामसुजन वर्मा और रामानुज सोंधिया अनुसूचित जनजाति वर्ग नहीं थे. इसके बावजूद उनका चयनित अनुसूचित जाति वर्ग में किया गया. याचिकाकर्ता पद के लिए पात्र थी परंतु उनका चयन नहीं हुआ. गलत रूप से चयनित दोनों व्यक्ति को बाद में हटा दिया गया. इस पूरी प्रक्रिया में याचिकाकर्ता की कोई गलती नहीं थी."

महिला जज को अन्य लाभ भी देने के निर्देश

युगलपीठ ने याचिकाकर्ता के पक्ष में आदेश जारी करते हुए बकाया वेतन का 50 प्रतिशत राशि का भुगतान 4 सप्ताह में करने के आदेश जारी किए. इसके अलावा युगलपीठ ने संशोधित वरिष्ठता सूची जारी करते हुए वरिष्ठता के आधार पर सभी लाभ देने के भी आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर ने पैरवी की.

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button